Product builds · Web / Android / iOS
Share your quick brief and I’ll reply with a scoped plan.
Chapter summaries
Read concise NCERT summaries and highlights for Who Did Patrick’s Homework? in Class 6 · English.
✔ Notes, key examples, and NCERT highlights
✔ Links to worksheets, MCQs, and PDFs
✔ Layout stays consistent with the worksheet hub
How to use
Scroll to the summary, switch languages if needed, then follow the links below the notes to open worksheets or MCQs.
1. Tap the chapter card →
2. Read summary or switch to Hindi
3. Follow through to practice materials
Summary
Every chapter summary is connected to NCERT notes, worksheets, and practice MCQs. Use the cards below to explore the full chapter and its linked resources.
Chapter notes
पैट्रिक एक ऐसा स्कूली लड़का है जिसे खेल-कूद और मस्ती बहुत पसंद है, लेकिन पढ़ाई और होमवर्क से नफरत है। वह हमेशा बास्केटबॉल, वीडियो गेम और दोस्तों के साथ खेलने को प्राथमिकता देता है। शिक्षक शिकायत करते हैं कि वह होमवर्क नहीं करता, और माता-पिता भी चिंतित रहते हैं, पर पैट्रिक को कोई फर्क नहीं पड़ता। उसे लगता है कि समझदारी का मतलब मेहनत से बचने के लिए कोई रास्ता निकालना है।
एक दिन पैट्रिक कमरा साफ कर रहा होता है। उसे सामान के नीचे एक छोटी-सी गुड़िया मिलती है। वह मज़ाक में उसे थपथपाता है और तभी गुड़िया जीवित होकर एक नन्हे-से एल्फ में बदल जाती है। उसी समय पैट्रिक की बिल्ली वहाँ आ जाती है और एल्फ को पकड़ने के लिए झपटती है। एल्फ डरकर पैट्रिक से विनती करता है कि वह उसे बचा ले और बदले में उसकी एक इच्छा पूरी करेगा।
पैट्रिक बिल्ली को पकड़कर एल्फ को बचा लेता है। लेकिन वह धन या खिलौने नहीं माँगता। उसकी इच्छा होती है कि एल्फ अगले 35 दिनों तक उसका सारा होमवर्क करे। पैट्रिक समझता है कि अब वह आराम से खेल सकेगा और पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। एल्फ दुखी होता है क्योंकि वह इतना कठिन काम नहीं चाहता था, पर मजबूरी में मान जाता है।
शुरुआत में पैट्रिक खुश रहता है, लेकिन जल्दी ही एल्फ को होमवर्क कठिन लगने लगता है। गणित के सवाल, भिन्न, लंबा भाग, और अंग्रेज़ी की व्याकरण उसे समझ नहीं आती। वह गलत वर्तनी लिखता है और प्रश्नों में फँस जाता है। हर बार वह पैट्रिक को रात में जगा देता है और मदद माँगता है।
पैट्रिक झुंझलाता जरूर है, पर उसे एल्फ की मदद करनी ही पड़ती है। वह किताबें खोलता है, अध्याय पढ़ता है, उदाहरण देखता है, शब्दकोश से अर्थ खोजता है और एल्फ को समझाकर उत्तर लिखवाता है। रोज़-रोज़ ऐसा करते-करते पैट्रिक खुद पढ़ाई सीखने लगता है। जो काम वह पहले टालता था, वही अब उसकी आदत बन जाता है।
धीरे-धीरे पैट्रिक को सवाल आसान लगने लगते हैं। वह खुद पर भरोसा करने लगता है और उसे मेहनत का संतोष मिलता है। 35 दिन पूरे होने पर एल्फ खुशी-खुशी चला जाता है और पैट्रिक को समझा देता है कि आगे से उसे खुद मेहनत करनी होगी।
स्कूल में पैट्रिक का प्रदर्शन सबको हैरान कर देता है। वह अच्छे अंक लाता है और अध्यापक उसकी तारीफ करते हैं। पैट्रिक सोचता है ये सब एल्फ ने किया, लेकिन सच यह है कि एल्फ अकेला होमवर्क नहीं कर सका इसलिए पैट्रिक ने ही मेहनत की।
कहानी का संदेश साफ है—सीखने का कोई जादुई शॉर्टकट नहीं होता। सफलता मेहनत, अनुशासन और जिम्मेदारी से ही मिलती है।