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Chapter notes
“कुत्ते ने अपना नया मालिक कैसे चुना” एक लोककथा है जो सरल ढंग से बताती है कि कुत्ता इंसानों का सबसे वफादार साथी कैसे बना। कहानी बहुत पुराने समय की है, जब कुत्ते पालतू नहीं थे। वे जंगलों में दूसरे जंगली जानवरों की तरह रहते थे। उन्हें अपना भोजन खुद ढूँढना पड़ता था, खुले में सोना पड़ता था और कोई निश्चित घर या मालिक नहीं था। इस जीवन में स्वतंत्रता तो थी, लेकिन खतरा भी बहुत था। किसी भी समय कोई ताकतवर जानवर उन पर हमला कर सकता था। कहानी का कुत्ता इसी डर से परेशान हो जाता है। वह चाहता है कि उसे सुरक्षा मिले और वह बिना डर के जी सके। इसलिए वह सोचता है कि उसे सबसे ताकतवर जानवर की सेवा करनी चाहिए, ताकि कोई उसे नुकसान न पहुँचा सके।
कुत्ता जंगल में “सबसे मजबूत” मालिक की तलाश शुरू करता है। सबसे पहले वह भेड़िये से मिलता है। भेड़िया चतुर, तेज़ दाँतों वाला और बलवान दिखता है। कुत्ते को लगता है कि भेड़िया उसे बचा सकता है। वह विनम्रता से भेड़िये से कहता है कि वह उसका सेवक बनना चाहता है। बदले में उसे सुरक्षा चाहिए। भेड़िया उसे स्वीकार कर लेता है। कुछ समय तक कुत्ता खुद को सुरक्षित महसूस करता है, लेकिन फिर वह देखता है कि भेड़िया अचानक घबरा गया है और बार-बार पीछे देख रहा है। कुत्ता पूछता है कि वह क्यों डरा हुआ लग रहा है। भेड़िया बताता है कि उसे भालू से डर लगता है। यह सुनकर कुत्ता हैरान हो जाता है, क्योंकि वह समझ जाता है कि अगर भेड़िया भालू से डरता है तो भालू उससे भी ज्यादा ताकतवर है। अब कुत्ता सोचता है कि उसे भालू को अपना मालिक बनाना चाहिए।
कुत्ता भेड़िये को छोड़ देता है और भालू के पास जाता है। भालू बड़ा, ताकतवर और डरावना जानवर है। कुत्ता फिर से अपनी सेवा पेश करता है और भालू उसे अपना सेवक बना लेता है। अब कुत्ते को लगता है कि वह पूरी तरह सुरक्षित हो गया है। लेकिन कुछ दिनों बाद वही बात दोहराई जाती है। एक दिन रास्ते में उन्हें शेर मिल जाता है। शेर को देखकर भालू काँपने लगता है और पीछे हट जाता है। कुत्ता फिर चौंक जाता है। भालू मानता है कि शेर सबसे शक्तिशाली जानवर है और उससे सभी डरते हैं। कुत्ता तुरंत निर्णय लेता है कि उसे शेर को ही अपना मालिक बनाना चाहिए।
कुत्ता भालू को छोड़कर शेर के साथ रहने लगता है। शेर का साथ उसे बहुत गर्व देता है। शेर जंगल में शान से चलता है, जोर से दहाड़ता है और बाकी जानवर भाग जाते हैं। कुत्ते को लगता है कि अब उसकी सुरक्षा पूरी तरह पक्की है। लेकिन एक दिन रास्ते में उन्हें एक इंसान दिखाई देता है, जो हाथ में डंडा लिए चला जा रहा है। कुत्ता सोचता है कि शेर तो सबसे ताकतवर है, इसलिए वह इंसान से नहीं डरेगा। मगर आश्चर्यजनक रूप से शेर घबरा जाता है, उसका चेहरा पीला पड़ जाता है और वह भाग खड़ा होता है। कुत्ता यह देखकर स्तब्ध रह जाता है।
कुत्ता शेर से पूछता है कि वह क्यों भागा। शेर बताता है कि इंसान सबसे ताकतवर प्राणी है। उसने बुद्धि और हथियारों से जंगल के बड़े-बड़े जानवरों पर भी नियंत्रण कर लिया है। इसलिए शेर भी इंसान से डरता है। यह सुनकर कुत्ते को समझ आ जाता है कि इंसान ही असली ताकत है। अगर शेर जैसे जानवर इंसान से डरते हैं तो इंसान सबसे मजबूत मालिक है। इसलिए कुत्ता इंसान के पास जाता है, उसकी सेवा स्वीकार करता है और उसके साथ रहने लगता है। समय के साथ कुत्ते और इंसान का यह रिश्ता स्थायी बन जाता है, और कुत्ता हमेशा के लिए इंसानों का साथी बन जाता है।
कहानी दिखाती है कि कुत्ते ने सुरक्षा पाने के लिए अपने मालिक बदलते हुए सबसे ताकतवर को चुना। यह भी समझाती है कि असली शक्ति सिर्फ शरीर की ताकत में नहीं, बल्कि बुद्धि, साहस और समझ में होती है। कहानी का संदेश है कि डर मनुष्य या जीव को फैसले लेने पर मजबूर कर सकता है, और अच्छी-बुरी संगति जीवन की दिशा बदल देती है।