Skip to main content
Home Notes MCQ's Qestions NCERT Qestions Worksheets Blogs
CBSE for Class 6 CBSE for Class 7 CBSE for Class 8 CBSE for Class 9 CBSE for Class 10 MCQ's Qestions

Chapter summaries

A Game of Chance summary

Read concise NCERT summaries and highlights for A Game of Chance in Class 6 · English.

✔ Notes, key examples, and NCERT highlights

✔ Links to worksheets, MCQs, and PDFs

✔ Layout stays consistent with the worksheet hub

How to use

Scroll to the summary, switch languages if needed, then follow the links below the notes to open worksheets or MCQs.

1. Tap the chapter card →

2. Read summary or switch to Hindi

3. Follow through to practice materials

Summary

A Game of Chance

Every chapter summary is connected to NCERT notes, worksheets, and practice MCQs. Use the cards below to explore the full chapter and its linked resources.

Chapter notes

“अ गेम ऑफ चांस” एक यथार्थ और नैतिकता से भरी कहानी है जो लालच, जुए जैसी आदत और आसानी से जीतने के भ्रम से सावधान करती है। इस कहानी का मुख्य पात्र रशीद नाम का एक लड़का है, जो अपने चाचा और चचेरे भाइयों के साथ गाँव के मेले में जाता है। गाँव का मेला रंग-बिरंगा, शोर-शराबे वाला और आकर्षणों से भरा होता है। वहाँ मिठाइयों की दुकानों, झूलों, खिलौनों, गानों, और भीड़ का माहौल रशीद को बहुत उत्साहित कर देता है। वह हर चीज़ देखना चाहता है और मेले की चमक-दमक में खो जाता है।

मेले में घूमते हुए रशीद की नजर एक छोटे से स्टॉल पर पड़ती है जहाँ बहुत भीड़ लगी होती है। दुकान का मालिक जोर-जोर से आवाज़ लगाकर “गेम ऑफ चांस” का प्रचार कर रहा होता है। वह कहता है कि थोड़े से पैसे देकर पासा फेंको और अगर सही नंबर आ गया तो शानदार इनाम मिल जाएगा। स्टॉल पर कई आकर्षक इनाम रखे होते हैं—चमकीले खिलौने, घड़ियाँ, सजावटी चीजें आदि। दुकान वाला मीठी बातें और उत्साह भरा माहौल बनाकर लोगों को आकर्षित करता है। भीड़ के शोर और उत्साह से यह स्टॉल भरोसेमंद लगता है।

रशीद इसे देखकर खेलने का मन बनाता है। लेकिन उसके चाचा उसे तुरंत रोकते हैं। वे समझाते हैं कि ऐसे खेल अक्सर धोखेबाज़ी होते हैं और दुकानदार लोगों को फँसाने के लिए ही इन्हें चलाते हैं। चाचा का अनुभव कहता है कि इसमें पैसा बर्बाद होगा। रशीद उनकी बात सुनता तो है, लेकिन उसकी उत्सुकता और लालच ज्यादा मजबूत हो जाते हैं। उसे लगता है कि शायद किस्मत उसके साथ हो जाए। वह सोचता है कि एक बार खेलने में क्या नुकसान है, इसलिए वह पैसे देकर पहला प्रयास करता है।

पहली बार में ही रशीद को एक छोटा इनाम मिल जाता है। यह वास्तव में किस्मत नहीं बल्कि दुकानदार की योजना होती है। ऐसे खेलों में दुकानदार जानबूझकर पहली जीत देता है ताकि खिलाड़ी को लगे कि खेल सच्चा है और वह आगे भी जीत सकता है। रशीद इस चाल को नहीं समझ पाता। वह खुश होकर गर्व महसूस करता है। उसे लगता है कि जीतना आसान है और अगली बार बड़ा इनाम जरूर मिलेगा। दुकानदार भी उसकी तारीफ करता है और कहता है कि वह “बहुत करीब” था, बस एक और बार खेलो।

अब रशीद बार-बार खेलने लगता है। हर बार हारने पर वह सोचता है कि अगली बार जरूर जीतेगा। दुकानदार उसे फुसलाता रहता है, कभी सहानुभूति दिखाकर, कभी कहकर कि “बस थोड़ा सा रह गया।” धीरे-धीरे रशीद की आशा लालच में बदल जाती है। वह विवेक खो बैठता है और लगातार पैसे लगाता जाता है। उसका जेबखर्च कम होता जाता है, लेकिन वह रुकने की जगह और ज्यादा खेलता है। उसे पता नहीं होता कि पासा “लोडेड” है। लोडेड पासे में दुकानदार ने ऐसा फेरबदल किया होता है कि लकी नंबर आने की संभावना बहुत कम रहती है। यानी खेल शुरू से ही बेईमानी है।

बार-बार हारने के बाद रशीद के पास लगभग पैसे खत्म हो जाते हैं। फिर भी वह मानता है कि वह “अब जीत ही जाएगा।” यह जुए की सबसे खतरनाक बात है—हारने के बाद भी इंसान सोचता है कि रुक गया तो अब तक का पैसा बेकार हो जाएगा, इसलिए वह और खेलता है। उसी समय रशीद के चाचा वापस आते हैं और देख लेते हैं कि रशीद फँस चुका है। वे उसे सख्ती से स्टॉल से हटाते हैं। रशीद विरोध करता है और कहता है कि वह जीतने वाला था, लेकिन चाचा उसे समझाते हैं कि दुकानदार धोखा दे रहा है और लोगों के लालच का फायदा उठा रहा है।

रशीद को अपनी गलती का एहसास होता है। उसे शर्म और दुख होता है कि उसने चाचा की सलाह नहीं मानी। वह समझ जाता है कि पहली जीत सिर्फ फँसाने का जाल थी। अब उसे पता चलता है कि “आसान जीत” वाले खेल असल में नुकसान का रास्ता होते हैं। चाचा उसे बताते हैं कि ऐसे खेलों में हमेशा दुकानदार ही फायदा उठाता है, खिलाड़ी नहीं। रशीद सीखता है कि किस्मत पर भरोसा करके, बिना सोच-विचार पैसा लगाना मूर्खता है।

कहानी छात्रों को गहरी सीख देती है। यह बताती है कि लालच इंसान की समझ पर परदा डाल देता है और जल्दी अमीर बनने या जल्दी इनाम पाने की इच्छा अक्सर धोखे में फँसा देती है। सच्ची सफलता मेहनत, धैर्य और बुद्धिमानी से मिलती है, न कि जोखिमभरे शॉर्टकट से। “अ गेम ऑफ चांस” हमें सावधान करता है कि जो बात बहुत आसान और आकर्षक लगे, उसके पीछे छल भी हो सकता है, इसलिए हमेशा सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए और अच्छे सलाहकारों की बात माननी चाहिए।