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Chapter summaries

The Banyan Tree summary

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Summary

The Banyan Tree

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Chapter notes

“द बरगद का पेड़” एक रोमांचक और प्रकृति से जुड़ी कहानी है, जिसे एक छोटा लड़का सुनाता है। वह अपने दादा-दादी के साथ एक छोटे से द्वीप पर रहता है। यह द्वीप शांत है, चारों ओर समुद्र और घने जंगल हैं, इसलिए वह शहरों की भीड़-भाड़ से अलग एक अलग दुनिया जैसा लगता है। उनके घर के पास एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ है। उसकी शाखाएँ बहुत दूर तक फैली हुई हैं और उसकी लटकती जड़ें उसे एक छोटे जंगल जैसा बना देती हैं। यह पेड़ इतना विशाल है कि उसमें अनेक तरह के जीव-जंतु रहते हैं। पक्षी वहाँ घोंसले बनाते हैं, गिलहरियाँ शाखाओं पर कूदती-फाँदती रहती हैं, कीड़े-मकोड़े और छिपकलियाँ उसके आसपास घूमते हैं, साँप उसके खोखलों में रहते हैं और बंदर अक्सर वहाँ खेलते हैं। लड़के के लिए यह पेड़ प्रकृति का रंगमंच है, जहाँ हर जीव अपनी भूमिका निभाता है।

लड़का बताता है कि वह अक्सर बरगद के पेड़ पर चढ़कर ऊँची शाखा पर बैठता है। वह वहाँ किताबें पढ़ता है, हवा की सरसराहट सुनता है और जानवरों को बिना परेशान किए देखता रहता है। वहाँ से उसे छोटे-छोटे दृश्य दिखाई देते हैं—पत्तों की हलचल, पक्षियों की गतिविधियाँ और जीवों के छिपे हुए घर। एक दिन जब वह चुपचाप बैठा होता है, तो उसे पेड़ के एक खोखले से एक छोटा-सा काला जीव बाहर निकलता दिखता है। वह एक नन्हा नेवला (mongoose) होता है। वह बहुत छोटा और चंचल है और बिना डर के पेड़ को अपना खेल-मैदान समझकर इधर-उधर दौड़ता है। लड़का उसे देखकर बहुत खुश होता है क्योंकि यह दृश्य उसके लिए नया और दिलचस्प है।

थोड़ी देर बाद लड़का एक और हलचल देखता है। पेड़ के दूसरे खोखले से एक कोबरा बाहर आता है। कोबरा मोटा, खतरनाक और शांत मुद्रा में होता है। वह अपना फन फैलाकर नेवले पर हमला करने की तैयारी करता है। माहौल अचानक तनावपूर्ण हो जाता है। नेवला कुछ पल के लिए रुकता है, फिर लड़ाई के लिए तैयार हो जाता है। कोबरा तेजी से वार करता है, लेकिन नेवला बिजली जैसी फुर्ती से उछलकर बच जाता है। यह लड़ाई कौशल का मुकाबला है—कोबरा के पास ज़हर और शक्ति है जबकि नेवले के पास गति, साहस और चतुराई। कई वारों के बाद नेवला कोबरा को काट लेता है और उसे मार देता है। लड़का यह देखकर दंग रह जाता है। उसे समझ आता है कि छोटे जीव भी सही समझ और बहादुरी से बड़े दुश्मन को हरा सकते हैं।

समय के साथ वह नन्हा नेवला लड़के के आसपास बार-बार आने लगता है। लड़का कभी-कभी उसे थोड़ा खाना देता है और देखता है कि वह धीरे-धीरे बड़ा और मजबूत हो रहा है। नेवला अपने शिकार करने के कौशल का अभ्यास करता है। वह सीखता है कि कैसे तेजी से हमला करना है, कैसे वार से बचना है और कैसे खुद की रक्षा करनी है। लड़का उससे जुड़-सा जाता है और उसे प्रकृति के निडर जीवन का प्रतीक मानने लगता है। बरगद का पेड़ लड़के के लिए सुरक्षित स्थान बना रहता है जहाँ वह जीवन की गतिविधियों को करीब से देख सकता है।

एक दिन और भी गंभीर लड़ाई होती है। एक बड़ा और अधिक खतरनाक कोबरा बरगद के पास आता है। अब नेवला भी बड़ा हो चुका होता है। वह तुरंत कोबरा को चुनौती देता है। यह लड़ाई पहले से लंबी और ज्यादा रोमांचक होती है। कोबरा बार-बार वार करके नेवले को फँसाने की कोशिश करता है, कभी-कभी वह बहुत करीब से बचता है। नेवला लगातार घूम-घूमकर सही मौका तलाशता है। लड़का हर चाल को ध्यान से देखता है और उसकी धड़कन तेज़ हो जाती है। अंत में नेवला सही समय पर हमला कर कोबरा को काट लेता है और उसे मार गिराता है। दूसरी बार भी नेवला अपनी फुर्ती, सतर्कता और साहस के कारण जीत जाता है।

कहानी प्रकृति की कठोर सच्चाई भी दिखाती है। बरगद के पास एक विशाल अजगर रहता है। वह धीमा और शांत होता है, लेकिन बहुत शक्तिशाली। एक दिन लड़का पशुओं की घबराई हुई आवाज़ें सुनता है और नीचे देखता है कि अजगर एक हिरन पर हमला कर रहा है। अजगर हिरन को कसकर लपेटता है, उसकी सांस रोक देता है और फिर धीरे-धीरे उसे पूरा निगल जाता है। लड़का डर और दुख महसूस करता है, लेकिन वह समझ जाता है कि जंगल का नियम यही है। शिकारी जीव भूख मिटाने के लिए शिकार करते हैं; यह उनकी क्रूरता नहीं बल्कि जीवन-चक्र का हिस्सा है। प्रकृति संतुलन से चलती है।

इन सभी घटनाओं से लड़का कई बातें सीखता है। उसे समझ आता है कि बहादुरी आकार पर निर्भर नहीं होती; यह आत्मविश्वास, सही समय और सतर्कता पर निर्भर होती है। वह जानता है कि हर जीव पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है—कोई शिकारी है तो कोई शिकार, लेकिन सभी से जीवन का संतुलन बना रहता है। बरगद का पेड़ उसके लिए प्रकृति की विविधता और रहस्य का प्रतीक बन जाता है। यह अध्याय पाठकों को प्रकृति को धैर्यपूर्वक देखने, वन्यजीवों का सम्मान करने और प्राकृतिक संसार की सुंदरता व संघर्ष दोनों को समझने की प्रेरणा देता है।